क्यूं ना बदलूं मैं , तुम वही हो क्या ?
चलो मैं तो गलत हूं, तुम सही हो क्या?
न तुम थी ग़लत, न मैं था ग़लत,
ग़लत तो केवल वक़्त था.
छलके थे अश्रु आँखों से,
मानो वो जैसे रक्त था.
अब बीत गए हैं बरस कई,
बदला-बदला सा सब-कुछ है,
मैं तो फिर भी 'मैं' ही हूँ, जो कल था मैं वही अब भी हूँ,
पर अब वो प्यार पुराना लगता है
हर यार पुराना लगता है
जीता तो तब भी हूँ ही मैं,
पर अब संसार बेगाना लगता है.
तुम तो फिर भी बदल गयी,
पर मैं तो फिर भी 'मैं' ही हूँ, जो कल था मैं, वही अब भी हूँ. 🙂
25 Sept 2020, 5:32PM
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