Monday, 8 March 2021

माना वो बेहद प्यारा था

लगा जो धक्का,
टूट गया दिल कैसे खुद को समझाऊं रे
वो नहीं मेरी, अब किसी और की,
कैसे खुद को बतलाऊँ रे?
चाहा था जिसको खुद से ज्यादा,
उसकी चाहत कुछ और है अब
पर इतना पता है चाहत को खुद के,
चाह कर भी भूल न पाऊं मैं !
वो आदत न केवल,
थी चाहत भी मेरी, आदत तो भूल भी जाऊँ मैं,
किन्तु कोई बस यह बतला दे,
चाहत कैसे बिसराऊँ मैं?

वो नहीं है मेरी, बेशक पता है।

वो ले गया उसको, नज़र से मेरे
अंजान बना बैठा था तब,
बेचैन हुआ जब नज़र खुली तो,
ढूंढा उसको पर मिली नहीं वो।
निकल चुकी थी दूर बहुत वो,
जाना उस तक आसान न था,
ग़र जाना होता तो चला भी जाता,
पर लाना उसको आसान न था।

दुनिया से अंजान बेखबर
सुखमय सा था सफर वो उसका।

लक़ीर में मेरी वही लिखी थी,
ऐसा मुझको लगता था तब,
निकल पड़ी वो दूर थी अपितु,
जो कभी बनी थी मेरी बंधू।
खैर,
जो बीत गयी वो बात गयी,
जीवन में एक सितारा था,
माना वो बेहद प्यारा था! (2x)

21/09/2018
7:25 AM

मेरे पापा! ❤️

जताते कभी नहीं,
पर तुमको फ़िक्र हमेशा रहती है। × 2 

कठोर बहुत हो ऊपर से,
पर तुम सा "विनय" दिल कोई नहीं।

आवेग में बहुत कुछ बोल जाता हूँ,
पर तुम चुप से सबकुछ सुनते हो।
दुनिया देखा बहुत है तुमने,
दुनियादारी मुझे सिखाते हो।
छल-कपट से कोसों दूर,
समझदारी की राह पे चलना बताते हो।

नायक तो देखें कई हैं हमने,
अकसर अपने वाले को ढूंढा करता था,
बुद्धि आई. . . तब समझ है आया,
मात-पिता से बढ़कर कोई न था।

रोया तो छुपकर मैं भी था,
जब घर से दूर को आया था
(हृदय पर पत्थर रखकर तब तुमने,
साहस को मेरे बढ़ाया था।) × 2

प्रेम तो तुमसे बहुत है पापा,
पर दिखा नहीं मैं पाता हूँ,
जाने क्यों मैं कभी-कभी 
हठ पे अपने अड़ जाता हूँ,
पर फिर भी सारी ख़्वाहिश मेरी 
पूरी तो तुम करते हो, 
अपनी जरूरतें कम करके
तुम मुझपे ख़र्चे करते हो। 

केवल इतना माँगा है ईश्वर से,
तुम्हारे खून की लाज बचा पाऊं,
कुछ बनूँ या न बनूँ,
केवल तुम सा मैं बन जाऊं,
(तुम्हारे हर बूँद पसीने का,
हिसाब अदा मैं कर पाऊं। ❤️) × 2

17/02/2011 10:52PM

मैं तो अब भी मैं ही हूँ।

क्यूं ना बदलूं मैं , तुम वही हो क्या ?
चलो मैं तो गलत हूं, तुम सही हो क्या?

न तुम थी ग़लत, न मैं था ग़लत,
ग़लत तो केवल वक़्त था.
छलके थे अश्रु आँखों से,
मानो वो जैसे रक्त था.

अब बीत गए हैं बरस कई,
बदला-बदला सा सब-कुछ है,
मैं तो फिर भी 'मैं' ही हूँ, जो कल था मैं वही अब भी हूँ,

पर अब वो प्यार पुराना लगता है
हर यार पुराना लगता है
जीता तो तब भी हूँ ही मैं,
पर अब संसार बेगाना लगता है. 

तुम तो फिर भी बदल गयी,
पर मैं तो फिर भी 'मैं' ही हूँ, जो कल था मैं, वही अब भी हूँ. 🙂

25 Sept 2020, 5:32PM